सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) में निवेश कैसे करें? एसजीबी स्कीम क्या है,कहां से खरीदे, क्या है लिमिट, एसजीबी गोल्ड बॉन्ड खरीदने के फायदे और टैक्स के नियम।

(सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) में निवेश कैसे करें, एसजीबी स्कीम क्या है, एसजीबी कहां से खरीदे, एसजीबी की लिमिट क्या है, गोल्ड बॉन्ड खरीदने के फायदे और टैक्स के नियम।)

भारतीय समाज के लिए सोना वर्षों से निवेश का पसंदीदा विकल्प रहा है| समय के साथ फिजकली गोल्ड में निवेश के साथ कई अन्य माध्यम भी बाजार में उपलब्ध हैं, उन्ही में से एक है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) की दो किश्तें जारी होनी है| SGB Scheme 2023-24 की पहली सीरीज 19-23 जून को रिलीज हो चुकी है और दूसरी सीरीज 11-15 सितंबर तक जारी रहेगी. अगर कोई सोने में इन्वेस्ट करना चाहता है तो इसके कई तरीके उपलब्ध हैं जैसे – फिजिकल गोल्ड, डिजिटल गोल्ड और सॉवरेन गोल्ड बांड,गोल्ड म्यूचुअल फंड, गोल्ड ETF.

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond)एसजीबी स्कीम क्या है?

भारत सरकार द्वारा शुरू की गई योजना है| सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) आरबीआई द्वारा जारी किए जाते हैं| सरकार की इस योजना के तहत बाजार से कम कीमत पर Gold में निवेश किया जा सकता है।SGB Scheme की सीधा उद्देश्य फिजिकल गोल्ड की मांग को कम करना है |इसमें किए गए निवेश की सुरक्षा की गारंटी सरकार देती है. एसजीबी इश्यू प्राइस कैसे तय होता है?एसजीबी इश्यू प्राइस भारतीय बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (IBJA) द्वारा, जो 999 शुद्धता वाले गोल्ड का क्लोजिंग प्राइस होगा उसके आधार पर तय किया जाएगा. गोल्ड बॉन्ड के दाम सब्सक्रिप्शन अवधि से पहले के सप्ताह के अंतिम 3 कार्य दिवसों के लिए आईबीजेए की तरफ से जारी 999 शुद्धता वाले सोने के बंद भाव के सिम्पल एवरेज के आधार पर तय होते हैं.

एसजीबी बॉन्ड कहां से खरीदें?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भारत सरकार की ओर से ये गोल्ड बॉन्ड (Gold Bond) जारी करता है.गोल्ड बॉन्ड बैंकों(स्मॉल फाइनेंस बैंकों और पेमेंट बैंकों को छोड़कर), मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि., बीएसई, एनएसई और डाकघरों के अलावा एजेंटों के जरिये खरीद सकते हैं l बैंकों से ऑनलाइन और ऑफलाइन खरीद सकते हैं.ऑनलाइन खरीद पर `50/ग्राम की छूट भी मिलती है।सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदने के लिए नकद, डिमांड ड्राफ्ट या इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग के जरिये भुगतान कर सकते हैं। नकद में अधिकतम 20 हजार रुपये तक भुगतान कर सकते हैं।

ऑनलाइन खरीद की प्रक्रिया:

पसंदीदा बैंक के इंटरनेट बैंकिंग खाते में लॉग इन करें।ई-सर्विस विकल्प पर क्लिक करने के बाद सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का विकल्प चुनें।आरबीआई की ओर से निर्धारित नियम-शर्तें ध्यान से पढ़ें। रजिस्ट्रेशन फॉर्म पूरा भरें और सबमिट पर क्लिक करें। इसके बाद परचेज फॉर्म में सब्सक्रिप्शन की मात्रा भरें। ऐसा करने के बाद उसमें नॉमिनी से जुड़ी डिटेल्स भी भरें। डिटेल्स सत्यापित करने के बाद सबमिट पर क्लिक करें।एसजीबी में कितना निवेश किया जा सकता है।

एसजीबी निवेश की लिमिट क्या है?

एसजीबी में सिर्फ 1 ग्राम सोने में निवेश की शुरुवात कर सकते हैं।सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति न्यूनतम 1 ग्राम और अधिकतम 500 ग्राम गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है। इंडिविजुअल, HUF के लिए 4 किलो की अधिकतम निवेश सीमा और ट्रस्ट के लिए 20 किलो की अधिकतम निवेश सीमा तय की गई है। सरकार द्वारा समय-समय पर इसमें बदलाव किया जा सकता है. केवाईसी नॉर्म्स बिल्कुल फिजिकल गोल्ड खरीदने की तरह ही होंगे, यानी वोटर आईडी, आधार कार्ड/पैन, या टैन/पासपोर्ट आदि की जरूरत होगी. निवेशक का बैंक खाता होना आवश्यक है तथा इस स्कीम में लॉक इन पीरियड आठ साल है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) में निवेश की समय सीमा?

एसजीबी स्कीम में निवेश के लिए लॉक इन पीरियड आठ साल है लेकिन जरूरत होने पर पांच साल बाद आप इसे बेचकर स्कीम से बाहर निकल सकते हैं।

एसजीबी के फायदे ?

• निवेश में सुरक्षा की गारंटी सरकार देती है।

• शुद्धता की कोई दिक्कत नही है।

• निवेश पर सालाना 2.5% का ब्याज, छमाही आधार पर बैंक खाते में ब्याज भुगतान।

• मेच्योरिटी बाद कोई टैक्स नहीं।

• फिजिकल गोल्ड की तरह घर मे रखने का झंझट नहीं।

• गोल्ड बॉन्ड में ट्रांसफर का भी विकल्प भी उपलब्ध है।

• जरूरत होने पर बॉन्ड के बदले लोन भी ले सकते हैं।

• निकासी पर सोने के बाजार भाव के आधार पर भुगतान।

• एसजीबी स्कीम में ब्याज के अलावा सोने में तेजी का भी फायदा भी मिलता है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) पर टैक्स कितना लगता है?

गोल्ड बॉन्ड पर हर 6 महीने में इंट्रेस्ट मिलता है जो इनकम स्लैब के अनुसार टैक्सेबल है। लॉक इन पीरियड आठ साल पूरा होने के बाद भुगतान पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता है लेकिन मेच्योरिटी से पहले निकासी पर कैपिटल गेन टैक्स लगता है एवम बॉन्ड ट्रांसफर पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन बेनिफिट भी उपलब्ध है।

निष्कर्ष:

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) भारत सरकार द्वारा संचालित योजना है । सोना हमेशा से हर किसी का पसंदीदा विषय रहा है और जो स्कीम हर 6 माह में 2.50% ब्याज दे, परिपक्वता पर गोल्ड की परचलित कीमत पर भुगतान सुविधा दे, गोल्ड की बढ़ती कीमतों का फायदा दे, डिजिटल रूप से रखने की सुविधा दे, सरकार की गारंटी हो, निश्चित रूप से अच्छी है। निवेशक को निवेश से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का आकलन करने के साथ किसी वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करना चाहिए। अधिक जानकारी आरबीआई की ऑफिशियल साइट पर प्राप्त कर सकते हैं।

सामान्य प्रश्न:

Q1.सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) स्कीम की शुरुआत कब हुई?

वर्ष 2015 में भारत सरकार द्वारा संचालित की गई। आरबीआई द्वारा गोल्ड बॉन्ड जारी किए जाते हैं।

Q2.सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) स्कीम में कितना ब्याज मिलता है?

हर 6 माह पर 2.50% ब्याज निवेशक के बैंक खाते में जमा होता है।

Q3.एसजीबी का लॉक इन पीरियड कितना है?

आठ साल लेकिन जरूरत होने पर पांच साल बाद स्कीम से निकल सकते हैं।

Q4.एसजीबी स्कीम में कितना गोल्ड खरीद सकते हैं?

एसजीबी स्कीम में एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति न्यूनतम 1 ग्राम और अधिकतम 500 ग्राम गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है। इंडिविजुअल, HUF के लिए 4 किलो की अधिकतम निवेश सीमा और ट्रस्ट के लिए 20 किलो की अधिकतम निवेश सीमा तय की गई है।

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