(मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव,No Confidence motion in Hindi ,अविश्वास प्रस्ताव क्या है,अविश्वास प्रस्ताव के नियम क्या हैं, अविश्वास प्रस्ताव कौन ला सकता है, अविश्वास प्रस्ताव के उपरांत वोटिंग होती है, अभी तक कितने अविश्वास प्रस्ताव आए हैं,क्या मोदी सरकार पर कोई खतरा है, सबसे पहले अविश्वास प्रस्ताव कब लाया गया)
26 जुलाई 2023 को विपक्षी गठबंधन ‘ इंडिया ‘ ने मणिपुर हिंसा को लेकर अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। कांग्रेस सांसद तरुण गोगोई द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया।
मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव। No Confidence motion in Hindi :
मोदी सरकार के खिलाफ दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है। इससे पूर्व मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में 20 जुलाई 2018 को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था जिसमे प्रस्ताव के खिलाफ 325 और पक्ष में 126 वोट पड़े थे।
विपक्षी दलों के गठबंधन ‘ इंडिया’ की ओर से मणिपुर हिंसा को लेकर कांग्रेस सांसद तरुण गोगोई द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया।
अविश्वास प्रस्ताव क्या है?(What is No confidence motion in Hindi):
संविधान का आर्टिकल 75(3) इस नियम को स्पष्ट करता है कि मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी है और कोई भी संसदीय सरकार तभी तक सत्ता में रह सकती है जब तक उसे लोकसभा में बहुमत प्राप्त है।संविधान में अविश्वास प्रस्ताव का कोई जिक्र नहीं है। लेकिन, अनुच्छेद 118 के तहत सदन अपनी प्रक्रिया बना सकता है, जबकि नियम 198 के तहत ऐसी व्यवस्था है जिसमें कोई भी लोकसभा सदस्य यदि 50 सांसदो का समर्थन जुटा लेता है तो वह लोकसभा अध्यक्ष के सामने अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकता है। प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने के बाद 10 दिन के भीतर लोकसभा अध्यक्ष द्वारा तय समय पर इस पर चर्चा होती है। हमारे साझेदारों को धन्यवाद, आप बजट से लेकर टॉप-ऑफ़-द-रेंज तक, हर पसंद और बजट के अनुरूप ties ऑनलाइन पा सकते हैं। सुपर स्टाइलिश मॉडल.
दरअसल, संविधान में अविश्वास प्रस्ताव का कोई जिक्र नहीं है। लेकिन, अनुच्छेद 118 के तहत हर सदन अपनी प्रक्रिया बना सकता है, जबकि नियम 198 के तहत ऐसी व्यवस्था है जिसमें सदन के सदस्य लोकसभा अध्यक्ष को सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे सकते हैं।
अविश्वास प्रस्ताव के नियम क्या हैं (What are the rule of Noconfidence Motion in Hindi):
हमारे संविधान का आर्टिकल 75(3) इस नियम को स्पष्ट करता है कि मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी है। अविश्वास प्रस्ताव के कुछ नियम निम्न हैं
- अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा से निर्वाचित कोई भी सदस्य ला सकता है।
- अविश्वास प्रस्ताव पर कम से कम 50 सांसदो के समर्थन में हस्ताक्षर होने चाहिएं तभी ये प्रस्ताव स्वीकार होगा।
- यह प्रस्ताव लोकसभा के नियम 198(1) और 198(5) के तहत पेश किया जाता है। प्रस्ताव पेश करने वाले सदस्य को सुबह 10 बजे से पहले लोकसभा अध्यक्ष को लिखित सूचना देनी होती है। लोकसभा अध्यक्ष इसे पढ़ते हैं और समर्थन मिलने पर तय करते हैं कि प्रस्ताव स्वीकार करते हैं
- प्रस्ताव स्वीकार होने से 10 दिवस के भीतर सदन में चर्चा ओर मतदान कराए जाने का दायित्व लोकसभा अध्यक्ष का होता है।
- प्रस्ताव लाने का मुख्य उद्देश्य यह तय करना है कि सरकार को सदन में बहुमत हासिल या नहीं। यदि सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाती है तो प्रधानमंत्री सहित पूरे मंत्रिमंडल को इस्तीफा देना होता है।
अविश्वास प्रस्ताव कौन ला सकता है?(Who can put No confidence motion in Hindi)
लोकसभा का कोई भी निर्वाचित सदस्य जिसे 50 अन्य लोकसभा सदस्यों का समर्थन प्राप्त हो, अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है।
पहला अविश्वास प्रस्ताव कब लाया गया था (First No confidence motion in India in Hindi):
पहला अविश्वास प्रस्ताव जवाहर लाल नेहरु की सरकार के खिलाफ 1963 में आचार्य कृपलानी लाए थे। प्रस्ताव के पक्ष में 62 और विरोध में 347 वोट पड़े थे।
अभी तक कितने अविश्वास प्रस्ताव आए हैं (How many No confidence motion presented till date):
भारतीय संसद में अभी तक 27 बार अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है।पहला अविश्वास प्रस्ताव जवाहर लाल नेहरु की सरकार के खिलाफ 1963 में आचार्य कृपलानी लाए थे।
सबसे ज्यादा बार 15 बार इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया। लाल बहादुर शास्त्री और नरसिमा राव सरकार के खिलाफ 3-3 बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया।
अटल बिहारी वाजपेई सरकार के खिलाफ 2 बार प्रस्ताव आया। राजीव गांधी, वीपी सिंह, चौधरी चरण सिंह, मनमोहन सिंह, नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ 1-1 बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है।
कांग्रेस सांसद तरुण गोगोई द्वारा प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव 28 वी बार प्रस्तुत प्रस्ताव है।
अविश्वास प्रस्ताव के उपरांत वोटिंग होती है (Voting after No confidence motion):
अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के उपरांत लोकसभा में वोटिंग का प्रावधान है।अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सांसद सरकार की कमियां बताते हैं और सरकार द्वारा उठाए गए मुद्दों पर प्रतिक्रिया दी जाती है। वोटिंग के बाद यदि सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाती है तो प्रधानमंत्री सहित पूरे मंत्रिमंडल को इस्तीफा देना होता है।
अब तक दो बार सरकार अविश्वास प्रस्ताव के बाद गिर चुकी है।
भारत के संसदीय इतिहास में 27 बार अविश्वास प्रस्ताव पेश हुआ है जिसमे अधिकतर समय सरकार बच गई थी लेकिन दो बार सरकार बहुमत साबित नही कर पाई थी और सरकार गिर गई थी।
*1978 में मोरारजी देसाई सरकार के खिलाफ लाए गए दूसरे अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सरकार के घटक दलों में आपसी मतभेद थे इसलिए मोरारजी देसाई ने मत विभाजन से पहले ही इस्तीफा दे दिया था।
*1999 में अटल बिहारी वाजपेई सरकार के खिलाफ प्रस्तुत पहले अविश्वास प्रस्ताव में जयललिता द्वारा समर्थन वापिस लेने के कारण सरकार गिर गई थी।
क्या मोदी सरकार पर कोई खतरा है?(is there any threat to Modi Government due to No confidence motion):
लोकसभा में अभी 545 सीटें हैं जिसमे से 5 खाली हैं। लोकसभा में सरकार के NDA गठबंधन के पास 325 सीटें हैं जबकि विपक्ष के I.N.D.I.A. के पास 140 के लगभग सीटें हैं। शेष सीटें उन दलों के हैं जो किसी भी गठबंधन में नहीं हैं।
मोदी सरकार के पास पूर्ण बहुमत है इसलिए अविश्वास प्रस्ताव का गिरना तय है और सरकार को कोई खतरा नहीं है।
निष्कर्ष:
विपक्षी पार्टियों द्वारा प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव का सदन में गिरना तय है क्योंकि सरकार के पास पूर्ण बहुमत है। विपक्षी गठबंधन मणिपुर हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री के सदन में बयान को लेकर अड़ा है और अविश्वास प्रस्ताव के उपरांत प्रधानमंत्री का भी भाषण होता है जिसमे पीएम मणिपुर पर अपने विचार रख सकते हैं। विपक्ष इसे ही अपनी जीत बता रहा है कि पीएम को अब सदन में व्यक्तव्य देना होगा।
सामान्य प्रश्न (No confidence motion in Hindi)
Q1.अविश्वास प्रस्ताव क्या है?(No confidence motion meaning in Hindi)
संविधान का आर्टिकल 75(3) इस नियम को स्पष्ट करता है कि मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी है। लोकसभा का कोई भी सदस्य, जो अविश्वास प्रस्ताव के लिए 50 सांसदों का समर्थन जुटा लेता है, वो कभी भी मंत्रिपरिषद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है।
Q2.सबसे पहले अविश्वास प्रस्ताव कब लाया गया?(First No confidence motion in india)
पहला अविश्वास प्रस्ताव जवाहर लाल नेहरु की सरकार के खिलाफ 1963 में आचार्य कृपलानी लाए थे
Q3.अविश्वास प्रस्ताव कौन ला सकता है?(Who can bring no Confidence motion in Parliament)
लोकसभा का कोई भी सदस्य, जो अविश्वास प्रस्ताव के लिए 50 सांसदों का समर्थन जुटा लेता है।
Q4.मोदी सरकार के खिलाफ 26 जुलाई 2023 को अविश्वास प्रस्ताव किस सांसद ने पेश किया है (Who bring no confidence motion against Government)
कांग्रेस सांसद तरुण गोगोई
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